कोई और गुनाह करवा दे मुझ से मेरे खुदा SHARE FacebookTwitter कोई और गुनाह करवा दे मुझ से मेरे खुदा, मोहब्बत करना अब मेरे बस की बात नहीं। . . . . . . . . . . भावार्थ:- प्रस्तुत पद में कवि सिर्फ पेलना चाहते हैं। SHARE FacebookTwitter